एक बचकने शायर के दीवान से...
अर्ज िकया है ...
चहरे के नूर से तेरे जो वािकफ हैं,
उन आँखों को अंधेरे भी नम नहीं करते -
इस िदल को सहारा है तेरी उलफत का
अब एहले-जमाने से हम नहीं डरते़ !
मायूिसयों की सुरमई घटाओं में
तकदीर का तारा जो डगमगाया था
तन्हाइयों की झूमती हवाओं में
तेरे प्यार का दीया ही जगमगाया था
जबसे पनाह पायी है तेरे िदल की
तूफान की परवाह हम नहीं करते
इस िदल को .......
......हम नहीं डरते़ !
यह किवता लगभग ८ साल पुरानी है -- उस जमाने की उपज िक जब हम अपनी आवारा सोच को लगाम नहीं देते थे...
5 Comments:
aiii??? whats the gap all about?? are we to fill it??
Kedar.
PS: are you making it strictly a point to type only in uninagari??
the gap is a repeat of the last 2 lines in the 1st verse! It is the 'mukhda', if you like :D
uninagari typing is pretty addictive, dont you think?
Thats the problem with tetralingual people.. we cant think in any language properly... ultimately end up thinking in English!
i dont understand half the words... i need a hindi/urdu to english dictionary!!!! (i saw the next post and found it there)...
nice one dude!! u r leagues ahead, when it comes to using words....in hindi also..
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