डूबते का सहारा
डूबते का सहारा
हम जानते है हमारी हालत खास्ता है
हमे इल्म है िक हमारा मुशिकल रास्ता है
पर कोई िगला नही है उन खुशनसीबों से
िजन्को सजी सजाई िज़न्दगी िमली
और कोई बैर नही उन िकस्मत वालोॅ से
िजनके बाग-ए-अर्मान की हर कली िखली
क्योिक हम जानते है दुिनया मे जलने वाले कम नही
यही िदलासा है िक कोई हम पे भी हसीद* है कही !
हसीद = jealous (just looked it up in english-urdu dictionary... quite handy that is!!
http://biphost.spray.se/tracker/dict/ )
2 Comments:
भाइयों, क्या अब समझमे आया चन्दू ने यह ब्लाग बानाने मे बेहद दिलचस्पी क्यों दिखाई?
पेशे से जो शायर हो उनसे मुकाबला हम कैसे करें ...
आम लफ्ज होते तो करें
रवायती शायरी होती तो करें
आलफाज-ए-खंजर को भला हम क्या करें
पेशे से जो शायर हो उनसे मुकाबला हम कैसे करें ।
it should be खन्जर-ए-अल्फाज़ (the dagger of word(s))
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