अक्सीर
हर अदा अापकी इतनी अनोखी िक िज़ंदगी मे हज़ार रंग िमलादे
हम जानते है हमारे पास ये एक ही दवा है जो सारी दुिनया भुलादे
अाज भी याद है अापकी अाहोंके वो नर्म झोंके
जो शोर अंग़ेज़ तूफान को भी अासानी से सुलादे
पर अब की कडवी बातें भी कुछ कम नही
जो िदल को चीर दे और रूह को भी रुलादे
िफर भी मेहरबानी है अापकी,हम नही कहेंगे िक अब बस भी किरए
क्योंिक अाप भी जानतीं है,हमारे पास ये एक ही दवा है जो सारी दुिनया भुलादे
*अक्सीर= elixir
2 Comments:
if only it came from a romantic person...
do people realise a thorougly unromantic person is making copyrights of ideas he is totally unconcerned with!
interesting point (and still it makes sense)!
seems very much like Vaatsaayana being a abstaining bachelor all his life!
Post a Comment
<< Home