Tuesday, July 19, 2005

ब्रेथलेस

न जाने क्यों एक बार िफर शंकर महादेवन और जावेद अखतर की इस सुनहरी भेंट पर मन जा अटका है। और क्योंिक यहाँ गानों की बात छेडी जा चुकी है, मैंने सोचा क्यों न उन दोनो गानों के बोल पेश करूँ जो शंकर जी ने "िबना साँस रोके" गाये थे?

तो लीिजए पेश-ए-िखदमत है --

-- ब्रेथलेस १ --

कोई जो िमला तो मुझे ऐसा लगता था जैसे मेरी सारी दुिनया में
गीतों की रुत और रंगों की बरखा है, खुशबू की आँधी है

महकी हुई-सी अब सारी हवाएँ हैं, महकी हुई-सी अब सारी िफजाएँ हैं,
खोई हुई-सी अब सारी िदशाएँ हैं, बदली हुई सी अब सारी अदाएँ हैं
जागी उमंगें हैं, धडक रहा है िदल साँसों में तूफाँ है, होठों पे नगमें हैं,
आखोँ में सपने हैं, सपनों में बीते हुए सारे वो लम्हें हैं

जब कोई आया था , नजरों पे छाया था , िदल में समाया था
कैसे मैं बताऊँ तुम्हें कैसा उसे पाया था,
प्यारे-से चहरे पे िबखरी जो जुल्फें तो ऐसा लगता था जैसे
कोहरे के पीछे एक ओस में धुला हुआ फूल िखला है,
जैसे बादल में एक चाँद छुपा है, और झाँक रहा है जैसे
रात के परदे में एक सवेरा है , रौशन-रौशन आँखों में सपनों का सागर
िजसमें प्रेम-िसतारों की गागर जैसे छलक रही है ,
लहरों-लहरों बात करे तो जैसे मोती बरसें
जैसे कहीं चांदी की पायल गूँजे, जैसे कहीं शीशे के जाम िगरें और छन-से टूटें,
जैसे कोई छुपके िसतार बजाए, जैसे कोई चांदनी रात में गाये,
जैसे कोई हौले से पास बुलाए...

कैसी मीठी बातें थी वो , कैसी मुलाकातें थी वो -
जब मैने जाना था नजरों से कैसे िपघलते हैं िदल और
आरजू पाती है कैसे मंिजल, और कैसे उतरता है चाँद जमीं पर,
कैसे कभी लगता है स्वर्ग अगर है तो बस है यहीं पर!
उसने बताया मुझे और समझाया मुझे -
हम जो िमले हमें ऐसे ही िमलना था ,
गुल जो िखले हैं उन्हें ऐसे ही िखलना था
जन्मों के बन्धन, जन्मों के िरशते है,
जब भी हम जनमें तो हम यूँही िमलते है

कानों में मेरे जैसे शहद-से घुलने लगे,
ख्वाबों के दर जैसे आँखों में खुलने लगे,
ख्वाबों की दुिनया जो िकतनी हसीं और कैसी रंगीं थी,
ख्वाबों की दुिनया जो कहने को थी पर कहीं भी नहीं थी़!
ख्वाब जो टूटे मेरे , आँख जो खुली मेरी,
होश जो आया मुझे, मैने देखा, मैने जाना -

वो जो कभी आया था, नजरों पे छाया था, िदल में समाया था
जा भी चुका है और िदल मेरा है अब तनहा-तनहा
न तो कोई अरमाँ है, न कोई तमन्ना , और न कोई सपना है

अब जो मेरे िदन और अब जो मेरी रातें हैं,
उनमें िसर्फ आँसू हैं , उनमें िसरफ दर्द की , रंझ की बातें हैं
और फिरयादें हैं, मेरा अब कोई नहीं,
मैं हूँ और खोए हुए प्यार की यादें हैं ---- ३

िसलिसला जारी रहेगा ----

6 Comments:

At 9:10 PM, Blogger Gandaragolaka said...

plz dont tell me u typed the whole thing! I thought that Khatmal thing was pain enough to type...
This is more strenuous!

 
At 5:39 AM, Anonymous Anonymous said...

heh...i did...now you know what i do with my time! and now brace yourself for breathless part 2 coming up in the next post :D

chandu

 
At 9:15 AM, Blogger Sketchy Self said...

also, i thought this would be a good place to store the lyrics for future reference...
maybe we can use this blog as a store house of lyrics to our favorite (hindi) songs, among other things..dyou guys think its a good idea??

 
At 9:35 AM, Blogger Gandaragolaka said...

yup! I was waiting to type in a mukesh's song...

 
At 1:46 PM, Anonymous Anonymous said...

go ahead!!..(and all the best with that :D)
Chandu

 
At 6:01 PM, Blogger palamoor-poragadu said...

yes... good idea to store all 'classics' here... The Repository Man is with you... go ahead ...

 

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