हरिवंश राय बच्चन द्वारा शुद्ध हिंदी मे लिखित इस सुंदर गीत का आस्वादन कीजिए।
इसको १९७७ के
आलाप चलचित्र मे संगीत का रूप दिया
जयदेव ने, येसुदास के सुरीले स्वर मे।
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कोई गाता मै सो जाता
संस्रिति के विस्त्रित सागर मे
सपनों कि नौका के अंदर
दुख सुख कि लहरों मे उठ गिर
बहता जाता, मै सो जाता ।
आँखों मे भरकर प्यार अमर
आशीश हथेली मे भरकर
कोई मेरा सिर गोदी मे रख
सहलाता, मै सो जाता ।।
मेरे जीवन का खाराजल
मेरे जीवन का हालाहल
कोई अपने स्वर मे मधुमय कर
बरसाता मै सो जाता ।।।
कोई गाता मै सो जाता
मै सो जाता
मै सो जाता
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